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जिंदगी की राहों पर चल रहे थे उस खुशी को खोजने जि

जिंदगी की राहों पर चल रहे थे 
उस खुशी को खोजने 
जिसकी बरसों से तलब थी...
इन राहों में एक राहगीर से मुलाकात हुई 
उसमें कुछ तो था... जो मेरे जैसा था 
शायद वो बेबाक शब्द 
जिसने मुझे न चाहकर भी 
अपना सा महसूस कराया 
हमारी कुछ मजबूरियां थीं साहब 
जो ना बता सकते ना महसूस करा सकते 
बस यही इक सबब है...
जो मुझे बार बार दूर होने का
इजाफ़ा देती...।।

©Hymn
  #Emotions #understanding #Hope