चाहत तो उनको भी थी हमसे पर बोल नहीं पा रहे थे रुसवा तो जिंदगी को वो भी करना चाहते थे पर होंठो को खोल नहीं पा रहे थे कब तक करोगे ये जुल्म खुद पर क्या वजह है जो दिल के राज खोल नहीं पा रहे थे B++328