देखना, तेरी जरुरतो को पूरा करते-करते मै बेजरूरत हो गयी हूँ, कभी में भी हुआ करती थी नौलखा हार अब कांच् कि चूड़ी हो गयी हूँ, जो टूट जायेगी जरा सी खरोंच से,जो रूठ जायेगी किसी के सोच से, सायद अब तेरी तमन्ना पूरी हो गयी हो अगर ना हुई,तो किसी और का हाथ थाम ले क्योंकि अब में थक्क गयी हूँ... #थाकान