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ज़माने कि मै फितरत जानता हूँ... तुमको मै अपनी किस्म

ज़माने कि मै फितरत जानता हूँ...
तुमको मै अपनी किस्मत मानता हूँ...
ये ना समझना तुमपे ऐतबार बेहद है...
हक़ीक़त तो ये है मै सबकी शख्सियत पहचानता हूँ!

©Yash Bansal
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