क्या है औक़ात यहाँ ज़ीस्त की बतलाऊँ क्या, इन हवाओं में अभी जलता दिया रक्खा है। -शमशेर जी. 'साहिल' #शमशेर_जी_साहिल #Shamsher_G_Sahil #ज़ीस्त #दीया #Hawa #GhazalOfSahil #BestPoetryEver #LoveShayri #HindiShayri #RomanticShayri