भीमराव अंबेडकर विपुल ऊर्जा का स्रोत मानूँ या, कहूँ सौभाग्य राष्ट्र का पराधीनता से स्वाधीनता तक की विभा या, व्यक्तिगत विकास का निभा देखूँ संघर्ष काल का विशदता या, विधिवेत्ता का भारत गणराज्य निर्माण दर्शन का विस्तीर्णता समझूँ या, बहुज्ञ का स्पष्ट न्याय राजनीति की दूरदर्शिता देखूँ या, देखूँ उस काल का केंद्रीय अदूरदर्शिता। परिवारवाद ने हमें क्या दिया? जन्मजयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। 🇮🇳🌼🌼🇮🇳 अम्बेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। स्वतंत्र भारत के प्रथम न्याय व क़ानून मंत्री डॉ भीमराव अम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 - 6 दिसम्बर 1956) विलक्षण व्यक्तित्व के स्वामी थे। भारत को उसकी मूल आत्मा प्रदान करने अर्थात भारत का लोकतांत्रिक ढाँचा जो कि उसके संविधान से संचालित है के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई। उनका सम्पूर्ण जीवन अछूत व हाशिये पर धकेले जा चुके समाज को न्याय व समानता का अधिकार दिलाने में गुज़रा। उनका व्यक्तित्व हमें अभाव से ऊपर उठ कर संघर्ष की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। मानव की स्वतंत्रता उनके चिंतन का मूल विषय है।