वाबस्ता... कुछ तो है, दरमिया, तेरे मेरे... कुछ तो है, वाबस्ते, तेरे मेरे.... यू ही नहीं, सोचता तुझे। यूं ही नहीं, चाहता तुझे। बीच में, कुछ तो है, रिश्ते तेरे मेरे... कुछ तो है, वाबस्ते, तेरे मेरे... कुछ तो है, दरमिया, तेरे मेरे... कविराज.© वाबस्ता.....