प्यारी सी नन्हीं कली जब मेरी गोद में आई, दुःख-दर्द भुलाकर ममता हिलोरें लेने लगी। झोली में खुशियों की सारी बहारें सी छाई, दिल की बगिया खुशबू से भर महकने लगी। सूने जीवन में मेरे खुशहाली भरने सी लगी, नन्हीं किलकारी जब आंगन में गूंजने लगी। निश्चल सी अधरों पर मुस्कान है इसके सजी, चेहरे पर फूलों सी मासूमियत है इसके भरी। सूरत देख ममता की गागर छलकने लगी, मन हर्षित हो कहने लगा ये मेरी परछाई है। आनंदित होकर मन मयूर झूमने नाचने लगा, दिल में बजने सी लगी मानो एक शहनाई है। मासूम कली मेरी सदा फूले फले, स्वस्थ रहे जीवन में ये हमेशा सफल बने आगे ही बढ़े। जुग-जुग जिए यह मेरी प्यारी रानी बिटिया, मन्नत मेरी हकीकत बन आज मुस्कुराई है। मां सरस्वती का सर पर सदा इसके हाथ रहे, शिव-गौरा के संग गणेश भी सदा साथ रहे। घर आंगन सदा आनंदित हो और फूले फले, साक्षात लक्ष्मी जैसे मेरे जीवन में आई हैं। -"Ek Soch" ♥️ Challenge-543 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।