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जीने की अगर तलब है तुझमें कुछ करने की आग सुलघी है

जीने की अगर तलब है तुझमें
कुछ करने की आग सुलघी है अगर तुझमें
तू ना फिर दिन देखेगा ना देखेगा रात
बस आगे अपने सपनों को पूरा करने में लगा रहेगा
जलना भी पड़े धूप में अगर, तू जलेगा
दीवारों से टकराना भी पड़े तो, तू लड़ेगा
पर तू रुकेगा नहीं, बस आगे ओर आगे भड़ेगा
चाहे आंधी आए या आ जाए तूफ़ान
तू थमेगा नहीं।

कोशिश कोई चाहे करले तुझे रोकने की 
कोशिश कोई चाहे करले तुझे गिराने की
फिर भी थमेगा नहीं।

पानी की लहरे अगर बहेगी उल्टी
तुझे उसे भी पार करना है
बारिश की बूंदों में भीगती आंखो से भी
तुझे आगे देखना है
अब तो चाहे जो हो जाए तुझे जाना है वहां,
जहां तेरी मंज़िल, तेरे ख्वाबों का है बसेरा। Issi ka Naam zindagi hai
जीने की अगर तलब है तुझमें
कुछ करने की आग सुलघी है अगर तुझमें
तू ना फिर दिन देखेगा ना देखेगा रात
बस आगे अपने सपनों को पूरा करने में लगा रहेगा
जलना भी पड़े धूप में अगर, तू जलेगा
दीवारों से टकराना भी पड़े तो, तू लड़ेगा
पर तू रुकेगा नहीं, बस आगे ओर आगे भड़ेगा
चाहे आंधी आए या आ जाए तूफ़ान
तू थमेगा नहीं।

कोशिश कोई चाहे करले तुझे रोकने की 
कोशिश कोई चाहे करले तुझे गिराने की
फिर भी थमेगा नहीं।

पानी की लहरे अगर बहेगी उल्टी
तुझे उसे भी पार करना है
बारिश की बूंदों में भीगती आंखो से भी
तुझे आगे देखना है
अब तो चाहे जो हो जाए तुझे जाना है वहां,
जहां तेरी मंज़िल, तेरे ख्वाबों का है बसेरा। Issi ka Naam zindagi hai