वहां तुम हो । क्योंकि मेरे मैं का विश्लेषण तुम हो अर्थात मैं तुम्हारे तालू पे सजे हर शब्द का अभिप्राय हूं तुम्हारे श्रृंगार का श्रृं पे मुस्कुराता वो बिंदु हूं और तुम मेरे हर कविता उपन्यास की आधारशिला । क्योंकि इनका सृजन तुम्हारे नयन स्पर्श से संभव है । जहाँ मैं हूँ... #जहाँमैंहूँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #कामिल_कवि #dedicatedtosomeone #kunu