निशीथ की तरफ से स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को अनेकों अनेक शुभकामनाएं 💐 भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, स्वयं विराट स्वरूप राष्ट्रपुरुष है। मस्तक है हिमालय , किरीट है कश्मीर , दो विशाल कंधे हैं पंजाब और बंगाल । दो विशाल जंघायें हैं पूर्वी और पश्चिमी घाट , चरण इनके हैं कन्याकुमारी , इसके पग पखारता है महासागर ।। सुगंधित चन्दन उगता यहां की मिट्टी है, यह अभिनन्दन की पवित्र भूमि है, यह तर्पण की पवित्र भूमि है, यह अर्पण की पवित्र भूमि है, यह ऋषियों की तपो पवित्र भूमि है ।।। इसके कंकर-कंकर में बसे शिवशंकर है, इसके बून्द बुंडू में रमा पवित्र गंगाजल है, हमारा अस्तिव इनसे हैं , हमारा अभिमान इनसे है , हमारा सम्मान इनसे हैं , हमारा सर्वस्य ऊर्जा इनसे हैं ।।।। हम जीते इनके लिये मरेंगे तो इनके लिये.... भारत माता वास्ते सर्वस्य जीवन से दिप जलाते हैं, दीप पात्र में " शुद्ध घी " नहीं समझने की भूल मत करना , यह दिप शहीदों का बलिदानों के रक्त से जलते हैं, रूई की बाती में गद्दारी नहीं, गर कोई जो करे गद्दारी उसका राख बनाना हमारा धर्म है हमें गर्व है कि हम भी भारत के सपूत हैं।। 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey निशीथ की तरफ से स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को अनेकों अनेक शुभकामनाएं 💐 भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, स्वयं विराट स्वरूप राष्ट्रपुरुष है। मस्तक है हिमालय , किरीट है कश्मीर , दो विशाल कंधे हैं पंजाब और बंगाल ।