कौन समझे ये कैसी रात है शायद कोई राज़ की बात है दिल में छुपी तनहाई वाली बात है कहने को तो बहुत कुछ है तुमसे, पर दिल मे कई अनकहे जज़्बात हैं इंत्ज़ार है कि मिलें तुमसे, पर जो तुमसे कभी कह ना पायेंगे दिल में मेरे ऐसी इक बात है, सोचा भी है कि कर दें इकरार दिल की बात पर समझ न सकोगे तब भी तुम, क्यों कि किसी के इक़रार को समझना भी इक राज़ की बात है.. #इक़रार