देवता है कोई हम में न फरिश्ता कोई छू के मत देखना हर रंग उतर जाता है मिलने जुलने का सलीका है ज़रूरी वरना आदमी चंद मुलाक़ातों में मर जाता है निदा फ़ाज़ली #AKT #निदा फ़ाज़ली #AKT