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इक बाप बच्चे को, चलना सिखा रहा था दुनिया की धूप

इक बाप बच्चे को,
 चलना सिखा रहा था 

दुनिया की धूप में तपना 

और जलना सिखा रहा था 


उमर ढल रही थी  उस बाप की 

फिर भी  हर मोड़ पर

अपने अनुभवों का आईना दिखा रहा था।

©SHIVAM TOMAR "सागर"  Satyaprem Upadhyay  Ashutosh Mishra  pramodini Mohapatra  Mona Pareek
इक बाप बच्चे को,
 चलना सिखा रहा था 

दुनिया की धूप में तपना 

और जलना सिखा रहा था 


उमर ढल रही थी  उस बाप की 

फिर भी  हर मोड़ पर

अपने अनुभवों का आईना दिखा रहा था।

©SHIVAM TOMAR "सागर"  Satyaprem Upadhyay  Ashutosh Mishra  pramodini Mohapatra  Mona Pareek