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पुरानी मिट्टी की महक जीवन में भरकर सांसे महकाती रह

पुरानी मिट्टी की महक जीवन में भरकर सांसे महकाती रहती है।
पुरानी यादों को तरोताजा कर उनका एहसास कराती रहती है।

जैसे पुरानी मिट्टी में ही खाद और पानी मिला उपजाऊ बनाते रहते हैं।
वैसे ही पुराने ख्यालातों के साथ नए ख्याल मिला जीवन जीते रहते हैं।

पुरानी मिट्टी की महक हमें हमारी ज़मीन से जोड़कर रखे रहती है।
हमारा वजूद जुड़ा होता है जमीन से सदा हमको समझाती रहती है।

बारिश का पानी जैसे पुरानी मिट्टी की सौंधी सी महक को बढ़ा देता है।
नयी पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से संस्कारों को ग्रहण कर आगे बढ़ाती रहती है। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 24.  है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..!

👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8)  में लिखें..!

👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..!

👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!
पुरानी मिट्टी की महक जीवन में भरकर सांसे महकाती रहती है।
पुरानी यादों को तरोताजा कर उनका एहसास कराती रहती है।

जैसे पुरानी मिट्टी में ही खाद और पानी मिला उपजाऊ बनाते रहते हैं।
वैसे ही पुराने ख्यालातों के साथ नए ख्याल मिला जीवन जीते रहते हैं।

पुरानी मिट्टी की महक हमें हमारी ज़मीन से जोड़कर रखे रहती है।
हमारा वजूद जुड़ा होता है जमीन से सदा हमको समझाती रहती है।

बारिश का पानी जैसे पुरानी मिट्टी की सौंधी सी महक को बढ़ा देता है।
नयी पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से संस्कारों को ग्रहण कर आगे बढ़ाती रहती है। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 24.  है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..!

👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8)  में लिखें..!

👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..!

👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!