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बचपन के दिन चार, ना आएंगे बार बार, जिले जिले मेरे

बचपन के दिन चार, 
ना आएंगे बार बार,
जिले जिले मेरे यार,
जेब खाली तो उधार। बचपना ।।।।😢😢😊😊😊 बचपन के वो दिन चार ,
याद आते हैं मुझे बार बार।
दे जाते हैं नेत्रों में खुशियों की धार,
बचपन के वो दिन चार।।

वो खिड़कियों की सलाखों पर झूला,
दीदी मुझे अभी तक न भूला।
वो भईया के कंधे की सवारी,
बचपन के दिन चार, 
ना आएंगे बार बार,
जिले जिले मेरे यार,
जेब खाली तो उधार। बचपना ।।।।😢😢😊😊😊 बचपन के वो दिन चार ,
याद आते हैं मुझे बार बार।
दे जाते हैं नेत्रों में खुशियों की धार,
बचपन के वो दिन चार।।

वो खिड़कियों की सलाखों पर झूला,
दीदी मुझे अभी तक न भूला।
वो भईया के कंधे की सवारी,

बचपना ।।।।😢😢😊😊😊 बचपन के वो दिन चार , याद आते हैं मुझे बार बार। दे जाते हैं नेत्रों में खुशियों की धार, बचपन के वो दिन चार।। वो खिड़कियों की सलाखों पर झूला, दीदी मुझे अभी तक न भूला। वो भईया के कंधे की सवारी,