बस मोहब्बत के मारे है साहब सबकों लगता है हारे हैं साहब डूबे है ऐसे दरिया में हम कहा किस्मत में किनारे है साहब सब कहते तो है साथ कोई नही दिलजलो के कहा कोई सहारे है साहब मोहब्बत की कसम मोहब्बत मत करना हसीन दूर से है पास बड़े खसारे है साहब हम जिनके हैं वो हमारे है ही नहीं इस मोहब्बत ने बड़े मारे है साहब सब है साथ कहने को बस "तरूण" काग़ज़ कलम के सहारे है साहब -तरूण ♥️ ©तरूण.कोली.विष्ट gazal after a long time❤️ #tarunkigazal #tarungazal #gazal #Poetry #urdu #alone