कांटों की बगिया में कोई गुलाब मुस्कुरा रहा था, अभी कई और फूल आते, तोड़ने के लिए कोई कमबख्त हाथों की जगह खंजर चला रहा था।। बीज, मिट्टी, पानी और माली सब उसके अपने थे, कली थी, तो बढ़ रही थी एक सुंदर फूल बनने की आस में, वो बगिया खिलने ही वाली थी, न जाने कौन उसे बंजर बना रहा था।। #Koiapna #Faith #Dillagi #Hittheheart