Nojoto: Largest Storytelling Platform

आंखे खोल तुझे देख सकूं अब इतनी तबियत नहीं रही, सबक

आंखे खोल तुझे देख सकूं अब इतनी तबियत नहीं रही,
सबकी नज़रों का बोझ उठा सकूं अब इतनी हिम्मत नहीं रही, 
जितना मुझे आजमा रहा है खुदा तू, दे सकूं तुझे हर   इम्तेहान अब इतनी हैसियत नहीं रही।।।।।

©Uday Kanwar
  #हैसियत✍️
udaykanwar4597

Uday Kanwar

New Creator

हैसियत✍️ #Quotes

252 Views