बना दो ना मासूम सा बच्चा , ऐ खुदा! इतबार किसी पर न होगा फिर, धोखे का कुछ पता न होगा फिर। जिम्मेदारियाँ आजमाती हैं मुझे, जिंदगी दोराहों पर लाती है मुझे। कल छुटता ही नहीं मुझसे , आज समझ आता नहीं मुझे। प्यार से डर लगता है , ऐ खुदा! दुकानदार बहुत हैं तेरे बाज़ार में। खरीदारी का हुनर सिखा दो ना, मासूम सा बच्चा बना दो ना। ... अविनाशा शायर ने ख़ूब कहा है मिरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है.. (राजेश रेड्डी) हर साल हम बाल दिवस मनाते हैं। इसी को देख कर मन में ये विचार आया। आपका क्या विचार है। लिखें YQ DIDI के साथ। #बालदिवस