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रवायते इश्क़ करने की तुम्हारे घर में न थी शायद, व

रवायते इश्क़ करने  की तुम्हारे घर में
न थी शायद,
वरना यूं मेरा तुमसे बात करना 
तुम्हें असहज न करता
मगर,
इश्क़ की कोंपले तुम्हारे अंदर
उग रही है बेशक,
क्योंकि,यूं तुम्हारा 
अमलतास के फूलों को पसंद करना
महज संयोग नहीं


© Abhijeet Yadav #Bloom #love
#ishk
#hindipoetry  

रवायते इश्क़ करने  की तुम्हारे घर में
न थी शायद,
वरना यूं मेरा तुमसे बात करना 
तुम्हें असहज न करता
रवायते इश्क़ करने  की तुम्हारे घर में
न थी शायद,
वरना यूं मेरा तुमसे बात करना 
तुम्हें असहज न करता
मगर,
इश्क़ की कोंपले तुम्हारे अंदर
उग रही है बेशक,
क्योंकि,यूं तुम्हारा 
अमलतास के फूलों को पसंद करना
महज संयोग नहीं


© Abhijeet Yadav #Bloom #love
#ishk
#hindipoetry  

रवायते इश्क़ करने  की तुम्हारे घर में
न थी शायद,
वरना यूं मेरा तुमसे बात करना 
तुम्हें असहज न करता

#Bloom #Love #ishk hindipoetry  रवायते इश्क़ करने की तुम्हारे घर में न थी शायद, वरना यूं मेरा तुमसे बात करना तुम्हें असहज न करता