White सरशार (नज़्म)= उन्मत्त हर शख़्स का अक़्स फ़रेब से सरशार सा लगता है यहां हर शख़्स का अक़्स नावाकफ़ बेइंतहा बड़ा लगता है, फ़रेबियत की बस्ती की ईमारत ऊंची बड़ी दिखती है ज़ज्बातों को तलाशना ईमारतों में ईमानदारी का मुश्किल बड़ा लगता है, दिन ब दिन बढ़ रही है बस्ती फ़रेबियत की ऐसी बचा कर खुद को तरु रखना मुश्किल बड़ा लगता है, गुरुर ए सरशार है दिखता हर शख़्स का अक़्स तरु कौन है अपना तलाशना मुश्किल बड़ा लगता है, तरुणा शर्मा तरु राधे राधे 🙏 🥀 🥀 ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित नज़्म #wellwisher_taru #Nojoto #poetry #Life #nojotohindi #Trending #writer #कवितावाचिका #शायरी #City