पल पल सिमट रही हो जैसे हसरते ये नही की दिया क्या जाए बस ज़िन्दगी अब कहती है तुम बिन जिया कैसे जाए अधिकांश ज़िन्दगी को जिया था मेने लेकिन जब से तुम मिले तुम बिन जिया जाए कैसे ©Ritesh Srivastava हमारी अधूरी कहानी #8LinePoet