!! खलल !! जो खलल है ना तेरे दिल में मोहब्बत वाली कभी फुरसत में आके मुझसे कहो ना। सन्नाटे से भरी है जिंदगी मेरी भी तेरे बगैर , थोड़ा वक्त निकालकर तुम मेरे साथ रहो ना। क्या होता है दर्द यूँ टूटकर चाहने का किसी को ज़रा इस दर्द को थोड़ा तुम भी सहो ना । जो खलल है ना तेरे दिल में मोहब्बत वाली कभी फुरसत में आके मुझसे कहो ना। ये नम आंखें हैं ना मेरी इसमें समंदर छुपा रखा हुँ, अब तो तुम यूँ पत्थर की मूरत मत रहो ना। हाँ माना कि दिखावा था तेरा वो झूठा प्यार फिर भी तुम वो बातें आके फिर से कहो ना। दिन रात ख़्वाबों में ये निगाहें तेरी आहट को ढूंढ़ती है इस ख़ाब से भी निकलकर थोड़ा मेरे पास रहो ना । जो खलल है ना तेरे दिल में मोहब्बत वाली कभी फुरसत में आके मुझसे कहो ना। By:Ashu khalal #spark