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रंज़िशें नहीं, ख़ामियां छोड़ बस ख़ूबियां तलाशते हैं ए

रंज़िशें नहीं, ख़ामियां छोड़ बस ख़ूबियां तलाशते हैं ए ज़िंदगी!
   क्या पता कहाँ, कब, कैसे तू ढ़ले और हृदय की शाम हो जाए...
-रेखा मंजुलाहृदय















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©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #WritingForYou 
#Rekhasharma
#मंजुलाहृदय 
#life
#ए_ज़िंदगी 
#ज़िंदगी 
#oct 30th, 2021
@09:51 pm
रंज़िशें नहीं, ख़ामियां छोड़ बस ख़ूबियां तलाशते हैं ए ज़िंदगी!
   क्या पता कहाँ, कब, कैसे तू ढ़ले और हृदय की शाम हो जाए...
-रेखा मंजुलाहृदय















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©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #WritingForYou 
#Rekhasharma
#मंजुलाहृदय 
#life
#ए_ज़िंदगी 
#ज़िंदगी 
#oct 30th, 2021
@09:51 pm