दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।। रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर शत शत नमन और कोटि कोटि प्रणाम ©Anand Jha #शुभप्रभातदोस्तों रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर कोटि कोटि नमन