उस चिट्ठी में लिखा हुआ था.कि कल जब फैक्ट्री से निकलो तो जहां पर मैं खड़ी रहती हूं वहां पर मेरा इंतजार करना उस के दूसरे दिन मैं वहां पर पहुंच गया। तो वह लड़की वहां पर नहीं खड़ी थी। मैंने काफी इंतजार किया फिर मैं अपने घर की तरफ चल दिया.और तभी मुझे याद आया कि वो जो चिट्ठी आई थी। उसमें उसका पता तो होगा। फिर मैं उसका पता पढ़ कर उसके पते के अनुसार मैं उसके घर मिलने के लिए गया। दरवाजा खोलते ही एक आदमी आया और बोला कि क्या काम है तो मैंने बोला कि मुझे प्रीति से मिलना है। तो उस आदमी ने बोला कि मैं उसका पापा हूं और प्रीति को मरे हुए 2 महीने हो चुके हैं। मेरे हाथ पांव कांपने लगे मैं सोच में पड़ गया कि वह लड़की जो मुझे रास्ते में मिली थी और जिसने मुझे चिट्ठी भेजी थी। वह कौन होगी? मुझे लगा कि वह उसकी आत्मा होगी । तभी प्रीति के पापा ने मुझे दिखाया कि देख लो उसकी तस्वीर पर माला पड़ा हुआ था। तभी मैं भागकर अपने घर पहुंचा फिर मैंने उस चिट्ठी को जला दीया .और उस दिन के बाद से मैंने कभी भी अनजान लोगों से मिलना और बात करना बंद कर दिया। ©Vishal Kumar aap beeti. #akhrimulakat #akhriraat #himmat #Takleef #pyar #daar #Anhoni khushi