ज़नाब चाय पीये आप और मिठास मिरे होंठो में हो। चाय के प्याली में लगे होठो के निशां मिरे होठो में हो। । जैसे गले से नीचे उतरकर चाय आप को सुकूँ देती है। वो सुकूँ मिलेगा हमे जब आपके होंठ मिरे होंठो में हो।। -अभिषेक क्षितिज #eveningtea वैभवी पांडेय #शायरी