नफ़रत करता हूं तो,उनकी अहमियत बढ़ जाती है चुप रहता हूं तो,उनकी मासूमियत बढ़ जाती है उनसे भी ज़्यादा कातिल है,उनकी दुश्मनी वो नज़रों से मारते हैं,उनकी ख़ासियत बढ़ जाती है बड़े सलीके से हवाओं में,वो ख़ुशबू सी घोल देते हैं जब हवाएं तेज़ चलती हैं,वो अपनी ज़ुल्फें खोल देते हैं अपनी तलब तुम्हें कहूं या ख्वाहिश तुम्हें कहूं आगाज़ तुम कर दो,अंजाम मैं बनूं कोई मंज़िल नहीं हो जिसकी,मोहब्बत वो रास्ता है जब संग वो मेरे चलते हैं,सफ़र की कैफ़ियत बढ़ जाती है इस ख़त मे क्या लिखूं,इंतज़ार ये बेजुबां है वो हाथ बढ़ाकर छू लेते हैं,इश्क की रूहानियत बढ़ जाती है... ©abhishek trehan #इश्क #नफ़रत #मासूमियत #शायरी #हमतुम #कविता #lovestory #yqdidi