ओ हमनशीं.. ना तू गलत... ना मैं सही जो भी है तेरे मेरे दरमियाँ... सबअच्छा है अच्छा ही रहने दे... दूर हम बेशक सही इत्मीनान से मुझे तेरा आशियाँ-ए-कामिल बनने दे... हमारा मिलना नायाब है फिर भी बस आहिस्ता से मुझे तेरा सुकूनन-ए-सबब बनने दे... इल्हामी है तेरा मुझको यूँ चाहना मैं सब समझती हूँ अपनों सवालों को ज़रा अधूरा रहने दे... अब इतना भी क्या सोचना सब अच्छा है जैसे चल रहा है उसे वैसे ही चलते रहने दे .... - #alpana_writeup Dedicating a #testimonial to Mukesh Kushwaha उपरोक्त लिखी बातें इसलिए तुमको, लिखीं sorry, Dedicate की हैं क्यूँकि वो तुम्हारी मेरी लिखी सबसे पसंदीदा रचनाओं में से एक है,,, माफ़ी चाहूंगी, तुम्हारी इतनी सारी dedications,,, के बावजूद मैं तुम्हारे लिए कुछ खास कभी लिख नहीं पायी,,, क्यूँकि, क्यूँ पता नहीं ये तो मुझे भी,, 🙆🤷,, As we are from same faculty, तो अपने commerce को थोड़ा तो मशहूर करते हैं, तुमसे ज़रा #commercewalapyaar करते हैं,,, bg,,,आज ही Rest Zone पे post,, हुआ था तो वहीं से चुराया है,