बेजार सी हो गयी हैं मेरी आंखें शांतनु की तरह , हताश लाचार । अनेक सपनों की जननी होकर भी आज अंतहीन आंसूओं में डुबी हुई हैं ।। #आंखें #दुख #अंदरतकभेदाहुआहै #याद