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क्या आपका बचपन भी इस महान कन्फ्यूजन से गुजरा है, क

क्या आपका बचपन भी इस महान कन्फ्यूजन से गुजरा है, कि अपने से ऊपर वालो को देखो या फिर नीचे वालों को देखो ???
बचपन में अक्सर खिलौनों की मांग पर आपको ये शांत करा दिया जाता था कि, बेटा अपने से नीचे वालों को देखो और जैसे ही हम नीचे वालों को देखने का मन बनाते..... उद्धारण  के लिए जिनके भी क्लास में नंबर कम आते पर वो पास हो जाते बस पैरेंट्स का ये डायलॉग बिलकुल ही उल्टा हो जाया करता था की अपने से ऊपर वालों को देखो ।
तो कुल मिलाकर आधे से ज्यादा बचपन इन्ही दो कारों के बीच पैर अटका कर चलते हुए अजय देवगन जैसा बीत गया और हममें से कई बच्चे त्रिशंकु की तरह लटके रह गए की ऊपर वालों को देखे की नीचे वालों को देखे 🤪




#childhoodconfusion

©Neha Pant Nupur बचपन के कन्फ्यूजन 😇
क्या आपका बचपन भी इस महान कन्फ्यूजन से गुजरा है, कि अपने से ऊपर वालो को देखो या फिर नीचे वालों को देखो ???
बचपन में अक्सर खिलौनों की मांग पर आपको ये शांत करा दिया जाता था की बेटा अपने से नीचे वालों को देखो और जैसे ही हम नीचे वालों को देखने का मन बनाते... उधारण के लिए जिनके भी क्लास में नंबर कम आते पर वो पास हो जाते बस पैरेंट्स का ये डायलॉग बिलकुल ही उल्टा हो जाया करता था की अपने से ऊपर वालों को देखो ।
तो कुल मिलाकर आधे से ज्यादा बचपन इन्ही दो कारों के बीच पैर अटका कर चलते हुए
क्या आपका बचपन भी इस महान कन्फ्यूजन से गुजरा है, कि अपने से ऊपर वालो को देखो या फिर नीचे वालों को देखो ???
बचपन में अक्सर खिलौनों की मांग पर आपको ये शांत करा दिया जाता था कि, बेटा अपने से नीचे वालों को देखो और जैसे ही हम नीचे वालों को देखने का मन बनाते..... उद्धारण  के लिए जिनके भी क्लास में नंबर कम आते पर वो पास हो जाते बस पैरेंट्स का ये डायलॉग बिलकुल ही उल्टा हो जाया करता था की अपने से ऊपर वालों को देखो ।
तो कुल मिलाकर आधे से ज्यादा बचपन इन्ही दो कारों के बीच पैर अटका कर चलते हुए अजय देवगन जैसा बीत गया और हममें से कई बच्चे त्रिशंकु की तरह लटके रह गए की ऊपर वालों को देखे की नीचे वालों को देखे 🤪




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©Neha Pant Nupur बचपन के कन्फ्यूजन 😇
क्या आपका बचपन भी इस महान कन्फ्यूजन से गुजरा है, कि अपने से ऊपर वालो को देखो या फिर नीचे वालों को देखो ???
बचपन में अक्सर खिलौनों की मांग पर आपको ये शांत करा दिया जाता था की बेटा अपने से नीचे वालों को देखो और जैसे ही हम नीचे वालों को देखने का मन बनाते... उधारण के लिए जिनके भी क्लास में नंबर कम आते पर वो पास हो जाते बस पैरेंट्स का ये डायलॉग बिलकुल ही उल्टा हो जाया करता था की अपने से ऊपर वालों को देखो ।
तो कुल मिलाकर आधे से ज्यादा बचपन इन्ही दो कारों के बीच पैर अटका कर चलते हुए

बचपन के कन्फ्यूजन 😇 क्या आपका बचपन भी इस महान कन्फ्यूजन से गुजरा है, कि अपने से ऊपर वालो को देखो या फिर नीचे वालों को देखो ??? बचपन में अक्सर खिलौनों की मांग पर आपको ये शांत करा दिया जाता था की बेटा अपने से नीचे वालों को देखो और जैसे ही हम नीचे वालों को देखने का मन बनाते... उधारण के लिए जिनके भी क्लास में नंबर कम आते पर वो पास हो जाते बस पैरेंट्स का ये डायलॉग बिलकुल ही उल्टा हो जाया करता था की अपने से ऊपर वालों को देखो । तो कुल मिलाकर आधे से ज्यादा बचपन इन्ही दो कारों के बीच पैर अटका कर चलते हुए #Childhood #writersofinstagram #bachpan #childhoodmemories #childhoodconfusion