कुछ हो गया है फिर से कुछ खो से गया है जगा था अभी एक सपना अब फिर सो सा गया है। करोड़ो की भीड़ मे महफ़िल मे कभी, कभी खुद ही खुद मे अपना कोई न नजर आता कभी नजरों मे अंधेरा सा रह गया है न बाकी कुछ, मुझ से मेरा मैं रूठ सा गाय है कुछ हो गया है फिर से कुछ खो सा गया है जगा था एक सपना अब फिर सो सा गया है। #yqbaba #yqtales #yqthoughts #yqpoems