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तुम और कविता कभी अलग ही नहीं थे भला कभी शब्द, क़

तुम और कविता 

कभी अलग ही नहीं थे
भला कभी शब्द, 
क़लम से अलग हो सकते हैं
क्या दीप ज्योति से दूरी बना सकता है
क्या मोती सीप के बिना रह पायेंगे
मेरी कविता का अस्तित्व "तुम" से है
"तुम" श्वास जैसे मेरी कविताओं में 
जीवन का संचार करते हो
अधूरी अनुभूति को तुमने ही स्वरूप दिया
कविताओं का मेरी श्रृंगार किया
"तुम" मेरी कविता की प्रथम पंक्ति
"तुम" ही आखरी शब्द हो #तुमऔरकविता #NojotoHindi #Nojoto
तुम और कविता 

कभी अलग ही नहीं थे
भला कभी शब्द, 
क़लम से अलग हो सकते हैं
क्या दीप ज्योति से दूरी बना सकता है
क्या मोती सीप के बिना रह पायेंगे
मेरी कविता का अस्तित्व "तुम" से है
"तुम" श्वास जैसे मेरी कविताओं में 
जीवन का संचार करते हो
अधूरी अनुभूति को तुमने ही स्वरूप दिया
कविताओं का मेरी श्रृंगार किया
"तुम" मेरी कविता की प्रथम पंक्ति
"तुम" ही आखरी शब्द हो #तुमऔरकविता #NojotoHindi #Nojoto
jahnveesaxenabha1736

Jahnvee

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