इश्क का ठहरा कारवाँ ,अब भी वहीँ है...तुम आओ ना... दिल में छपा नाम , अब भी वही है.....तुम आओ ना... भुलना होता तो कब का भूल गया होता, लेक़िन इश्क का खुमार, अब भी वही है...तुम आओ ना.... इश्क का ठहरा कारवाँ , अब भी वहीँ है...तुम आओ ना... मैं जानता हूँ ; तुम मेरी तस्वीर छुपकर रोज़ देखती हों.. तकिये क़ो बाहों में कसकर रातों में अक़्सर रोती हों... बिछड़न क़े इस आँधी में ; मैंने इश्क का चिराग़ क़भी बुझने नहीं दिया .. तेरे सिवा अपने शामों का हिस्सा क़िसी औऱ क़ो क़भी नहीं दिया... वो गंगन का चाँद.... अब भी वहीँ है ,.....तेरे-मेरे अधूरे बात..अब भी वहीँ है... तेरे परफ़्यूम का खुश्बू...अब भी वहीँ है .....तेरे चेहरें पर बालों की लटे..अब भी वहीँ है.. जहाँ लिपट कर रोया था हम दोनों ने...वो गली अब भी वहीँ है... जिस पेड़ पर नाम लिखा था तुमने... वो पेड़ अब भी वहीँ है... कुछ नहीं बदला.. सब कुछ वहीँ है.....बस तुम आओ ना... इश्क का ठहरा कारवाँ, अब भी वहीँ है.. तुम आओ ना.. ©कुमार मुकेश अब भी वहीँ है..@कुमार मुकेश #nojoto#quotes#मk