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इसका तो प्रकाश भी सूरज से आता है; अँधेरे में खड़ा र

इसका तो प्रकाश भी सूरज से आता है;
अँधेरे में खड़ा रहता है,
कभी बादलो से भी ढक जाता है;
आधे महीने बढ़ता, आधे महीने घटता जाता है,
पता नही रात से कैसे वफ़ा निभाता है। शुभरात्रि लेखकों।😊 

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इसका तो प्रकाश भी सूरज से आता है;
अँधेरे में खड़ा रहता है,
कभी बादलो से भी ढक जाता है;
आधे महीने बढ़ता, आधे महीने घटता जाता है,
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krunaljadav7986

KRUNAL JADAV

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