तुम भी क्या गजब की कमाल करती हो बिना बात के ही परेशान करती हो सोचूँ कुछ ख्याल तो उसमे भी तुम सवाल करती हो फिर भी तुम मेरा वक़्त तक इंतिज़ार करती हो बती बुझ जाए तो दिये जलाए रखती हो बिखरी जुल्फों मे क्या कमाल लगती हो भींगी आँचल में भी महेक्ति गुलाब लगती हो कलम मे भी शियाही की काम करती हो लफ़्जो मे हो बात तो गुल्जा़र लगती हो तुम भी क्या गजब की कमाल करती हो ©Tuleshwar Kaushik #onemore #tuleshwarkaushik #Shayari #gulzar #Hindi #hindi_poetry #hindi_quotes #shayarilover #Nojoto #Flower