पिता! तेरी दुआओं का आकाश साया देता है, सहारा भी तू ही बनकर सूरज राह दिखाता है तू ही चाँद -सा चमकता है तू ही है भोर का तारा भी तेरे करम लासानी फिर भी जतलाता नहीं तू मेहरबानी # पिता! रस्ते का है तू रौशन तारा