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शीशे सा दिल, नाज़ुक अरमाँ लिए जिये जा रहे है। धुआँ

शीशे सा दिल, नाज़ुक अरमाँ लिए जिये जा रहे है।
धुआँ-धुआँ से ज़ज्बात और सपनों को जला रहे है।

क़िस्मत पर ऐतबार तो नहीं, फ़िर भी लकीरें बना रहे है।
दामन में कुछ नहीं, यूँ रेत का महल सजा जा रहे है।

मुद्दतों की तड़प और बेचैनी से पलकों पर बोझ है।
साँसें भी तंग-तंग सी हर धड़कन को तेरी खोज है।

मोहब्बत में दूरियों की तपिश यूँ बेक़रार करती है मुझे.. 
"नेहा" गुमसुम हो क्यों ये इश्क़ है और इश्क़ में इम्तिहाँ बहुत है। ♥️ Challenge-698 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
शीशे सा दिल, नाज़ुक अरमाँ लिए जिये जा रहे है।
धुआँ-धुआँ से ज़ज्बात और सपनों को जला रहे है।

क़िस्मत पर ऐतबार तो नहीं, फ़िर भी लकीरें बना रहे है।
दामन में कुछ नहीं, यूँ रेत का महल सजा जा रहे है।

मुद्दतों की तड़प और बेचैनी से पलकों पर बोझ है।
साँसें भी तंग-तंग सी हर धड़कन को तेरी खोज है।

मोहब्बत में दूरियों की तपिश यूँ बेक़रार करती है मुझे.. 
"नेहा" गुमसुम हो क्यों ये इश्क़ है और इश्क़ में इम्तिहाँ बहुत है। ♥️ Challenge-698 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator