आज फिर अपने आप से टकराया
आज फिर ख्वाहिशें हुईं चकनाचूर
आज फिर अपने आप को एक से दो पाया
एक जो दूसरो का हूं अपना ना हो पाया
एक जो मै खुद का हूं दूसरो का ना हो पाया
खविशों की हज़ार सीढियाँ है
मैं एक पे भी ना चढ़ पाया
आज फिर अपने आप से टकराया #lifequotes#yqbaba#yqdidi#yqquotes