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ख़ुदकुशी से पहले हर शख़्स लिखता है इक नज़्म गहरी, उदा

ख़ुदकुशी से पहले
हर शख़्स लिखता है इक नज़्म
गहरी, उदास, खामोशी भरी
क्या कोई सुन पाता है? "एक लड़के ने आधीरात ख़ुदकुशी करी"
अखबार में छपा, न्यूज़ ने कहा
सबने पढ़ा सबने सुना

पर क्या कोई, पढ़ता है तब
जब लड़का लिखता है इक नज़्म
उदासी भरी?
हर रात जागी नींदों का वजन
ख़ुदकुशी से पहले
हर शख़्स लिखता है इक नज़्म
गहरी, उदास, खामोशी भरी
क्या कोई सुन पाता है? "एक लड़के ने आधीरात ख़ुदकुशी करी"
अखबार में छपा, न्यूज़ ने कहा
सबने पढ़ा सबने सुना

पर क्या कोई, पढ़ता है तब
जब लड़का लिखता है इक नज़्म
उदासी भरी?
हर रात जागी नींदों का वजन