आज नहीं ये घर अब केवल ये तो कोई मकान रहा। भूले सभी भरत को अब तो भाई भाई से ठान रहा।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #घर #मकान #भरत #भाई #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #Nightlight