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मेरे विचार… नवरातों में वो औरतें भी संस्कारी बन

मेरे विचार…



नवरातों में वो औरतें भी संस्कारी बन जाती हैं,
जो दूसरों के घरों में टांग अड़ाती फिरती हैं।
नवरात्रें खत्म होने के बाद,
वो फिर से अपने उसी रूप में वापस आ जाती हैं,
जैसे…ताड़का और शूर्पनखा।
शायर RK…✍️


















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©SHAYAR (RK) #navratri 
#Nojoto 

जब किसी का घर टूट कर बिखर जाता है सबसे ज्यादा दुःख उस व्यक्ति हो होता है जिसने अपने घर परिवार के लिए अपनी नींद की भी फिक्र ना की हो और अपना शरीर भी ना देखा हो मगर उस कुछ स्त्री ऐसी भी हैं जो सामने कुछ और हैं और पीठ पीछे कुछ और मैं उन स्त्रियों के बारे में क्या बोलूं उन स्त्रियों को केवल नवरात्रों में ही सुधारना ठीक होगा नवरात्रों के बाद भी तो भगवान के दिन होते है या केवल नवरात्रों में ही अच्छे काम करने से माता उनसे खुश होगी।
मेरे लिखना किसी के दिल को कोई परेशान करना नहीं है। मेरे लिखना केवल यह कहना है की जो भगवान में विश्वास/आस्था रखता है उसके लिए हर दिन भगवान का दिन है ना की केवल नवरात्रे। मैं भली भांति जनता हूं सब स्त्री एक जैसी नहीं होती कुछ स्त्रियां इतनी अच्छी होती है जो अपने घर के साथ साथ दूसरों का घर स्वर्ग बना देती है मगर मुझे वो स्त्री बिल्कुल भी पसंद नहीं है जो दूसरी महिलाओं को सही राह चलने पर रोक टोक लगाती है। मैं अपनी गलती ना मानते हुए भी अपनी गलती मान रहा हूं अगर मैंने आप में से किसी का भी दिल दुखाया हो मैं उसके लिए माफी चाहता हूं 🙏🏻 मगर लेखक होने के नाते मेरा लिखना जरूरी है। मैं चाहता हूं की सबका घर हमेशा खुशियों से भरा रहे और सब खुशहाल रहें।
rajeshkumarrk5528

SHAYAR (RK)

Gold Star
Growing Creator

#navratri Nojoto जब किसी का घर टूट कर बिखर जाता है सबसे ज्यादा दुःख उस व्यक्ति हो होता है जिसने अपने घर परिवार के लिए अपनी नींद की भी फिक्र ना की हो और अपना शरीर भी ना देखा हो मगर उस कुछ स्त्री ऐसी भी हैं जो सामने कुछ और हैं और पीठ पीछे कुछ और मैं उन स्त्रियों के बारे में क्या बोलूं उन स्त्रियों को केवल नवरात्रों में ही सुधारना ठीक होगा नवरात्रों के बाद भी तो भगवान के दिन होते है या केवल नवरात्रों में ही अच्छे काम करने से माता उनसे खुश होगी। मेरे लिखना किसी के दिल को कोई परेशान करना नहीं है। मेरे लिखना केवल यह कहना है की जो भगवान में विश्वास/आस्था रखता है उसके लिए हर दिन भगवान का दिन है ना की केवल नवरात्रे। मैं भली भांति जनता हूं सब स्त्री एक जैसी नहीं होती कुछ स्त्रियां इतनी अच्छी होती है जो अपने घर के साथ साथ दूसरों का घर स्वर्ग बना देती है मगर मुझे वो स्त्री बिल्कुल भी पसंद नहीं है जो दूसरी महिलाओं को सही राह चलने पर रोक टोक लगाती है। मैं अपनी गलती ना मानते हुए भी अपनी गलती मान रहा हूं अगर मैंने आप में से किसी का भी दिल दुखाया हो मैं उसके लिए माफी चाहता हूं 🙏🏻 मगर लेखक होने के नाते मेरा लिखना जरूरी है। मैं चाहता हूं की सबका घर हमेशा खुशियों से भरा रहे और सब खुशहाल रहें।

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