चलो अब यूँ भी देखेंगे ना तुम होगे क्या होगा तबाह ये ज़िन्दगी होगी वही फिर भी जहाँ होगा तेरी अंजान गलियों में यूँ शोहरत हम भी पा लेंगे फ़कत होगा तो बस इतना नाम तेरा जुड़ा होगा अभी है क्या इसे तो बस दिवाना कहती है दुनिया ये वहशी भी हो जायेगा अगर ना मर सका होगा बिछड़ कर तुमसे शायद तन्हा मर भी जाएं हम अगर आँसू बहे तेरे तो मरना भी गुनाह होगा अगर उसकी ही मर्ज़ी से हवा के रुख बदलते हैं तू जब हमसे जुदा होगा तो मुजरिम वो खुदा होगा #मुजरिम 📙