क्यों न सभी धर्मो की किताबो को ख़ाक कर दिया जाये, अत्याचार पर लिखे इतिहास को राख कर दिया जाये, कल सुबह से सिर्फ इंसानियत का पाठ पढ़ाया जायेगा, नहीं होगा कोई सुर्ख हरा ना कोई भगवाधारी दिखलायेगा पर सब थम जाता यही पर जब मैं कहता हु, पुण्य मिलना तो तय है पर क्या ये पाप कोई कर पायेगा!!