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तलबगार अट्टालिकाओं में जो बैठे हैं! रहगुजर वो सड़क

तलबगार अट्टालिकाओं में जो बैठे हैं!
रहगुजर वो सड़कों पर भी कर लेते है,

जाने कितनी मंजिलों का सड़कें राबता,
और वहीं, कितनों का ये रैन-बसेरा है।

अंधियारे में सोलर लाइट के सहारे...
कभी अंडरपास, कभी सब-वे के किनारे

कभी घुम्मकड़, ले सिग्नल पर डेरा डाले,
...बड़े शहरों में बसी गुमनाम जिंदगियां।

ठंड में ठिठुरते, बारिश में भींगते और,
धूप चिलचिलाती तब छांव को तड़पते,

मजबूर महकमों में छुपते, दबे, पिछड़े,
बहरे प्रजापाल, अपरिहार्य भूले-लाल। भूले-लाल
_______
तलबगार अट्टालिकाओं में जो बैठे हैं!
रहगुजर वो सड़कों पर भी कर लेते है,

जाने कितनी मंजिलों का सड़कें राबता,
और वहीं, कितनों का ये रैन-बसेरा है।
तलबगार अट्टालिकाओं में जो बैठे हैं!
रहगुजर वो सड़कों पर भी कर लेते है,

जाने कितनी मंजिलों का सड़कें राबता,
और वहीं, कितनों का ये रैन-बसेरा है।

अंधियारे में सोलर लाइट के सहारे...
कभी अंडरपास, कभी सब-वे के किनारे

कभी घुम्मकड़, ले सिग्नल पर डेरा डाले,
...बड़े शहरों में बसी गुमनाम जिंदगियां।

ठंड में ठिठुरते, बारिश में भींगते और,
धूप चिलचिलाती तब छांव को तड़पते,

मजबूर महकमों में छुपते, दबे, पिछड़े,
बहरे प्रजापाल, अपरिहार्य भूले-लाल। भूले-लाल
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तलबगार अट्टालिकाओं में जो बैठे हैं!
रहगुजर वो सड़कों पर भी कर लेते है,

जाने कितनी मंजिलों का सड़कें राबता,
और वहीं, कितनों का ये रैन-बसेरा है।
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