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तेरे बासुरी के धुन बीन संगीत अधूरा है। हर गोपी के

तेरे बासुरी के धुन बीन संगीत अधूरा है।
हर गोपी के होठो का गीत अधूरा हैं।।
बिन राधिका श्याम के सबका प्रीत अधूरा है।
तेरे मूरत के बिना घर बार अधूरा हैं।।
फिर से लौट आओ श्याम पूरा संसार अधुरा हैं।
सगीत हो तो तेरे बासुरी के तान जैसा हो।
गर इश्क़ हो कभी तो राधे श्याम जैसा हो।।
【जय श्री कृष्णा】
poet:H.singh rajput कृष्णा
तेरे बासुरी के धुन बीन संगीत अधूरा है।
हर गोपी के होठो का गीत अधूरा हैं।।
बिन राधिका श्याम के सबका प्रीत अधूरा है।
तेरे मूरत के बिना घर बार अधूरा हैं।।
फिर से लौट आओ श्याम पूरा संसार अधुरा हैं।
सगीत हो तो तेरे बासुरी के तान जैसा हो।
गर इश्क़ हो कभी तो राधे श्याम जैसा हो।।
【जय श्री कृष्णा】
poet:H.singh rajput कृष्णा