में कभी कहूं के में जा रहा हूं तुम्हे छोड़कर... में कभी कहूं के मुझे बड़ा संकू मिलता है तेरा दिल तोड़कर। में मिन्नत करता हूं के मेरी ये बात कभी मानना नहीं... में तुम्हे छोड़कर भी जा सकता हूं कभी ऐसा जानना नहीं। गमों का स्ताया हूं गुस्सा बहुत जल्दी आता है.. मगर कभी तुम दूर हो जाओ ये सोच दिल भर जाता है। तुम पर हक समझता हु इसलिए रूठ जाता हूं....... मगर जब तुम मुझसे रूठती हो तो सच जानो में टूट जाता हूं। तुम्हे पाया है मैने जाने कितनी तकलीफों के बाद.….. कभी भूले से भी तुम छोड़ ना देना मेरा साथ। में ना समझ हू मगर तुम्हे बेपनाह प्यार करता हूं....... तुम क्या जानो में तुम्हारे एक एक आंसू पर मरता हूं। "आदित्य " में तुम्हे वेपनाह प्यार करता हूं.......!!!! ©कवि आदित्य बजरंगी #दिल_के_खयाल अरमान Pari Bansal my heartbeat