Dear jindgai, मेरे दुःख का कारण भी तुम हो और मेरे दुःख का निवारण भी, फिर भी मैं कही कही पर खुद को खुश रखना जानता हूं, सिर्फ अपनों के चेहरे पर खुशियों को देखने के लिए भी। आशुतोष शुक्ल (उत्प्रेरक) ©ashutosh6665 #Light #Quote