हम यूँ ही डरते थे, कभी नजरे न मिलाई,, लगता था पापा की आंखों में गुस्सा बहुत है। हम यूँ ही सोचते थे, कभी बात ज्यादा नही की,, लगता था पापा को पसंद खामोशी बहुत है। हम यूँ ही छुपते थे, उनके सामने न आये,, लगता था पापा को पसंद अकेलापन बहुत है। हम यूँ ही पढ़ते थे, उनके सामने खेले नही ,, लगता था पापा को पसंद पढ़ाई बहुत है। न जान पाए कभी, कि वो भी एक पिता है,, उनको भी जरूरत उनके बच्चों की बहुत है। न डाटा न चिल्लाये कभी पापा, क्योंकि हमें मालूम था, उनके दिल मे हमारे लिए प्यार बहुत है। Sarita😊 esa tha mera bchpan #nojotowriter #LoveYouDad